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THE PHOTOGRAPHER

फिर क्या हुआ दादा जी उसके बाद मोंटी ने उत्सुकता भरे स्वर में कहा । उसके बाद ......... क्या हुआ हरकू थोड सोचने लगा । हा याद आया हमारी शादी के बाद तो हमारी दूकान और ज्यादा चलने लगी थी । बाहर गांव से भी लोग हमारे पास आने लगे थे । ओर सुनने मै आ रहा था की किसी और ने भी नई दूकान खोल ली है वो विलायत से आया है । पर लोग मेरी दूकान पर ही आते थे । ऐसे ही समय का पहिया अपनी धीमी धीमी रफ्तार से चलता रहा और फिर तुम्हारे पिताजी का जन्म हुआ मै बोहोत खुश था उस दिन मेने गांव के हर बच्चे बूढ़े और नौजवान सब के फ़ोटो मुफ्त मे निकाल दिए थे । कुछ समय ओर गुजरा लोगो का रिझाव मेरी दूकान से उठने लगा था। अब बस चंद लोग ही आते थे मेरे पास फिर मुझे कही से मालूम हुआ की जो नई दूकान खुली थी उसने विलायत से कुछ अच्छे और नए किस्म के कैमरे मंगाए है जो काफी महंगे हुआ करते थे । उस समय तुम्हारे पिताजी १० साल के थे । मे चाहता था की मेरे बाद तुम्हारे पीता जी उस दूकान को संभाले जो मेरे पिता की अमानत थी पर भगवान को कुछ और मंजूर था । तुम्हारे पिता को तो मेरी दूकान पर आने से ही डर लगता था उसका मेने कही बार अपना काम सिखाने की कोशिश की पर वो नही सीख सका । दिन बा दिन लोगो की भीड़ कम होती गई कुछ लोगो के पास तो खुद के ही कैमरे हुआ करते थे । तुम्हारे पिता को पढ़ाई का काफी शोक था पर गांव मै कोई अच्छा कॉलेज ना होने की वजह से हमे उसे बाहर शहर भेजना पढ़ा जिसकी वजह से मुझको अपनी आधी जमीन गिरवी रखना पड़ी। ओर तुम्हारे पिता जी शहर चले गए हम लोग अपना गुजारा उस दूकान से ही करते रहे कुछ अनाज आ जाता जमीन से जिसे बेच कर कर्जा अदा हो जाता । इसी तरह कई और साल बीत गए और टेक्नोलॉजी का एक और नया कारनामा सामने आया । वो क्या था दादा जी मोंटी ने बीच मै ही टोक कर पूछा । वो , वो था जो आज हर इंसान की जरूरत बन गया है जिस के बगैर आज का इंसान अपने जीवन का सोच भी नही सकता । जो आज हर इंसान की जरूरत बन गया है या फिर यू कहे की उसने सब को अपना गुलाम बना लिया है । वो क्या था दादाजी मुझे जानना है । हरकू मुस्कुराया ओर कहा ये वही था जो आज इस वक्त तुम्हारे हाथ मै है पर ये उस वक्त इतना एडवांस नही था जितना की आज । क्या मोबाइल मोंटी ने हैरत भरी आवाज मैं पूछा । जी हा यही तुम्हारा मोबाइल । क्या आप के समय भी लोग मोबाइल यूज करते थे मोंटी ने पूछा बेटा उस समय ये सिर्फ़ और सिर्फ़ अमीर तरीन लोगो के पास ही देखने को मिलते थे इसमें इतने फंक्शन नही हुआ करते थे जितने की आज के मोबाइल मैं उस समय इस का उपयोग सिर्फ और सिर्फ़ बात चीत के लिए किया जाता था और वो भी थोड़ी मुक्तसर सी । बस उस के बाद से इसने अपने पैर जमाने शुरु कर दिए दिन बा दिन इसमें नए नए बदलाऊ आने लगे और अब ये आम लोगो के बीच मैं भी अपनी जगह बनाने लगा जो अमीरों के घर से चला था वो अब मध्यम वर्ग के लोगो के घर आ पोहौचा था। इसी तरह दिन हफ्तों मै गुजरते गए हफ्ते महीनो मैं और महीने सालो मै । हमारी उमर भी ढलना शुरु हो गई थीं और उधर तुम्हारे पिता जी की पढ़ाई भी मुकम्मल हो चुकी थीं उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुकम्मल कर के घर आ रहे थे मै और तुम्हारी दादी बोहोत खुश थे । तुम्हारे पिता जी भी अपने साथ एक मोबाइल लाए थे पूछने पर बताया की ये उन्होंने खरीदा है । अपने दोस्तो से बात चीत करने के लिए उस दिन हमारे घर मै उसका पहला कदम पड़ा । जो दोस्त पहले खत के जरिए मुझसे राब्ते मै रहते थे वो अब मुझसे इस के जरिए राब्ते मै रहे गै मोहन कहता हे । कुछ दिन बाद मैं तुम्हारे पिता जी के पास गया मे चाहता था की मेरी दूकान तुम्हारे पिता जी संभाले और जो जमीन का टुकड़ा बचा हैं उसको बेच कर नए कैमरे खरीद लिए जाए पर ये बात सुनते ही मानो मोहन को क्या हुआ और वो मुझसे कहने लगा पिताजी मेने इंजीनियरिंग इस लिए नही की थी की मै पढ़ लिख कर आपकी इस दूकान को संभालू मेरी शहर मै एक जगह बात चल रही हैं काम को लेकर दो दिन बाद जाना है मुझे और मुझे इस गांव मै भी नही रहना और अब आप भी इस दूकान को बंद करे और घर मै बैठे या फिर खेती बाड़ी संभाले जॉब लगते ही मै आप दोनो को बुला लूंगा और रही बात फोटोग्राफी की तो ये अब पुरानी हो गई अब लोग ऊब से गए हैं इससे शहर मै तो अब कोई भी इसका शोक नही रखता अब मोबाइल और कंप्यूटर आ गए है । मोहन सब कुछ कहता रहा हरकू बेसुद खड़ा था उसे समझ नही आ रहा था की वो क्या करे और वो उदास हो कर वहा से चला जाता है । दो दिन बाद मोहन वापस दिल्ली लोट जाता है और उसकी नौकरी भी पक्की हो जाती हैं । मोहन की मां बोहोत खुश थीं पर हरकू उदास था वो जो चाहता था उसका बेटा वो कर ना सका रेखा उसे समझती है की समय बदल गया है । अब ओलाद मां बाप की कहा सुनती है अब मां बाप को ही बच्चो की खुशी मै खुश रहना पड़ता है । उसके बाद तुम्हारे पिताजी शहर मै ही तुम्हारी मम्मी से शादी कर लेते हैं और उस के कुछ साल बाद तुम्हारा जन्म होता हैं मै और तुम्हारी दादी बोहोत खुश थे । अब दूकान पर कोई परिंदा भी पर नही मारता था । क्योंकि टेक्नोलॉजी ने काफी तरक्की कर ली थी । ओर जो सिर्फ़ पहले बात चीत के लिए बनाया गया था उसमे अब कैमरा भी एजाद कर दिया था और जो कभी सिर्फ और सिर्फ़ अमीरों के पास हुआ करता था अब वो हर किसी की जेब मे था जिसका साइज कभी एक उंगली के बराबर होता था अब वो बढ़ कर एक हथेली के बराबर हो चला था । ओर इसी तरह जिसने खत को खत्म कर दिया जिसका लोगो को बेसब्री से इंतजार रहता था बच्चो से उनका बचपन छीन लिया उनकी वो शरारताय उनकी वो मस्ती करना उनका वो क्रिकेट खेलना लुका छुपी खेलना सब को अपने अंदर कैद कर लिया वीडियो गेम्स के नाम पर । इसी  तरह उसने मेरा काम भी खत्म कर दिया अब लोगो को हफ्तों हफ्तों इंतजार नही करना पड़ता अपने फ़ोटो के देखने के लिए तुरंत ही वो अपना फ़ोटो देख लेते तो अब कोन आता मेरी इस दूकान पर ये सब बताते हुए हरकू की आंख से आंसुओ के झरने से बहने लगे । तभी मोंटी कहता है आप रोए नही दादाजी । मै आज के बाद इस मोबाइल मै कोई गेम नही खेलूंगा आज इस की वजह से मेरे दादा जी की आंखों मे आंसू आ रहे है । बच्चे की ये बात सुन हरकू ने उसे गले लगा लिया और बोला नही बेटा ये आज की जरूरत लेकिन तुम मुझसे वादा करो कि तुम इस के गुलाम नही बनो गै। इसको सिर्फ और सिर्फ़ जब ही इस्तेमाल करो गै जब तुम्हे अपने किसी दोस्त या मम्मी पापा से बात करनी हो बेटा ये दुनिया बोहोत खूबसूरत है । इसको अपनी आंखो से देखने वाला बनना ना कि दूसरो की आंखों से देखने वाला । 

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1 Comments

Dr. Arpita Agrawal

24-Mar-2022 03:03 PM

बेहतरीन👌👌

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